Ω {7 Seals[7 trumpets(7 bowls)]} | ||||||||||||||||||||
1 2 3 4 5 |
6th seal | 7th seal | ||||||||||||||||||
1 | 2 | 3 | 4 | 5th trmp. =1st woe |
6th trmp.=2nd woe=Death of people1/3 + 2 beasts(Great tribulation) 7 thunders(Little book, Eternal gospel, 144000) |
7th trmp.=Harvest(1st resurrection) + Gathering the vine 3rd woe=7 bowl plagues |
||||||||||||||
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7th thunder | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7th bowl | |||||||
Cross the Jordan and blow the 7 trumpets at Jericho. On the 7th day, that is, the 7th trumpet is sounded, 7 laps are made. On the 7th day when the 7th trumpet is sounded, the 7 plagues are poured out on Jericho, Babylon. After the fall of Jericho, Babylon, a new heaven and a new earth, the land of Canaan, will come.[1] | ||||||||||||||||||||
1st seal 1st living creature: Come! (Or, come and see!)[2] White horse = bow[3] = deception[4] |
||||||||||||||||||||
2nd seal 2nd living creature: Come! (Or, come and see!) Red horse = great sword[5] = war[6] |
||||||||||||||||||||
3rd seal 3rd living creature: Come! (Or, come and see!) Black horse = famine[7] = do not harm the oil[8] and the wine[9] |
||||||||||||||||||||
4th seal 4th living creature: Come! (Or, come and see!) Pale horse = sword + hunger + death (probably pestilence)[10] + beasts → Kills people of the earth1/4 |
||||||||||||||||||||
5th seal Martyr witnesses[11] |
||||||||||||||||||||
6th seal Great earthquake, anomalies of the sun, moon, and stars 4 angels holding back 4 winds[12] Sealing of 144000 |
||||||||||||||||||||
World population ranking (2021) | प्रकाशित वाक्य 6:7 और जब उसने चौथी मुहर खोली, तो मैंने चौथे प्राणी का शब्द यह कहते सुना, “आ।” प्रकाशित वाक्य 6:8 मैंने दृष्टि की, और एक पीला घोड़ा है; और उसके सवार का नाम मृत्यु है; और अधोलोक उसके पीछे-पीछे है और उन्हें पृथ्वी की एक चौथाई पर यह अधिकार दिया गया, कि तलवार, और अकाल, और मरी, और पृथ्वी के वन-पशुओं के द्वारा लोगों को मार डालें। (यिर्म. 15:2-3) प्रकाशित वाक्य 9:13 जब छठवें स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी तो जो सोने की वेदी परमेश्वर के सामने है उसके सींगों में से मैंने ऐसा शब्द सुना, प्रकाशित वाक्य 9:14 मानो कोई छठवें स्वर्गदूत से, जिसके पास तुरही थी कह रहा है, “उन चार स्वर्गदूतों को जो बड़ी नदी फरात के पास बंधे हुए हैं, खोल दे।” प्रकाशित वाक्य 9:15 और वे चारों दूत खोल दिए गए जो उस घड़ी, और दिन, और महीने, और वर्ष के लिये मनुष्यों की एक तिहाई के मार डालने को तैयार किए गए थे। दानिय्येल 7:2 दानिय्येल ने यह कहा, “मैंने रात को यह स्वप्न देखा कि महासागर पर चौमुखी आँधी चलने लगी। (प्रका. 7:1) प्रकाशित वाक्य 13:1 मैंने एक पशु को समुद्र में से निकलते हुए देखा, जिसके दस सींग और सात सिर थे। उसके सींगों पर दस राजमुकुट, और उसके सिरों पर परमेश्वर की निन्दा के नाम लिखे हुए थे। (दानि. 7:3, प्रका. 12:3) Assuming that the beast comes out after 1/3 of the world's population is exterminated by the 200,000,000 horsemen after the release of the 4 angels, the beast will regain its lost power with at least the death of the 2,000,000,000 people. If 'death' is given power over the earth1/4 means that 1/4 of the world's population is exterminated, and therefore, if 1/4 of the world's population is exterminated by death before 1/3 of the world's population is exterminated by the 200,000,000 horsemen, more people will die before the beast regains its power. However, since death and Hades kill people of the earth1/4 and not people1/4, the number of people on the earth1/4 that will be exterminated may be less than people1/4. If the earth1/4 harmed by death and Hades is a densely populated area, it is likely that more people than 1/4 of the world's population live on the earth1/4. Then more than 1/4 of the world's population will die. The combined population of China and India alone is more than 2,700,000,000. Asia is about 30% of the land area of the earth, so it is slightly larger than the earth1/4. For ease of calculation, if we assume that people of the earth1/4 die as people1/4 die, out of the world's 8,000,000,000 people, 2,000,000,000, 1/4, will die. After that, there will be 6,000,000,000 people left, and of those 6,000,000,000 people, 2,000,000,000 will die again, 1/3 of them. Therefore, after the death of 4,000,000,000 people, half of the world's 8,000,000,000 people, the beast will regain its power. प्रकाशित वाक्य 6:3 जब उसने दूसरी मुहर खोली, तो मैंने दूसरे प्राणी को यह कहते सुना, “आ।” प्रकाशित वाक्य 6:4 फिर एक और घोड़ा निकला, जो लाल रंग का था; उसके सवार को यह अधिकार दिया गया कि पृथ्वी पर से मेल उठा ले, ताकि लोग एक दूसरे का वध करें; और उसे एक बड़ी तलवार दी गई। प्रकाशित वाक्य 6:5 जब उसने तीसरी मुहर खोली, तो मैंने तीसरे प्राणी को यह कहते सुना, “आ।” और मैंने दृष्टि की, और एक काला घोड़ा है; और उसके सवार के हाथ में एक तराजू है। (जक. 6:2-3 जक. 6:6) प्रकाशित वाक्य 6:6 और मैंने उन चारों प्राणियों के बीच में से एक शब्द यह कहते सुना, “दीनार का सेर भर गेहूँ, और दीनार का तीन सेर जौ, पर तेल, और दाखरस की हानि न करना।” प्रकाशित वाक्य 6:9 जब उसने पाँचवी मुहर खोली, तो मैंने वेदी के नीचे उनके प्राणों को देखा, जो परमेश्वर के वचन के कारण, और उस गवाही के कारण जो उन्होंने दी थी, वध किए गए थे। प्रकाशित वाक्य 8:7 पहले स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, और लहू से मिले हुए ओले और आग उत्पन्न हुई, और पृथ्वी पर डाली गई; और एक तिहाई पृथ्वी जल गई, और एक तिहाई पेड़ जल गई, और सब हरी घास भी जल गई। (यहे. 38:22) प्रकाशित वाक्य 8:10 तीसरे स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, और एक बड़ा तारा जो मशाल के समान जलता था, स्वर्ग से टूटा, और नदियों की एक तिहाई पर, और पानी के सोतों पर आ पड़ा। (प्रका. 6:13) प्रकाशित वाक्य 8:11 उस तारे का नाम नागदौना है, और एक तिहाई पानी नागदौना जैसा कड़वा हो गया, और बहुत से मनुष्य उस पानी के कड़वे हो जाने से मर गए। (यिर्म. 9:15) If those who die at the time of war at the 2nd seal, famine at the 3rd seal, martyrdom at the 5th seal, extermination of vegetation1/3 at the 1st trumpet, that is, extermination of food1/3, and extermination of water1/3 at the 3rd trumpet, that is, extermination of drinking water sources, are included, the beast will regain its power after more people die. |
||
1 | China | 1400000000 | |
2 | India | 1300000000 | |
3 | USA | 330000000 | |
4 | Indonesia | 270000000 | |
5 | Pakistan | 220000000 | |
6 | Brazil | 210000000 | |
7 | Nigeria | 200000000 | |
8 | Bangladesh | 160000000 | |
9 | Russia | 140000000 | |
27 | S. Korea | 50000000 | |
Total population | 7800000000 | ||
1/4 of 8 billion = 2000000000 3/4 of 8 billion = 6000000000 1/3 of 6 billion = 2000000000 8billion-2billion-2billion=4billion Assuming that the world's population is 8 billion and that the death of the people of the earth1/4 as the death of the people1/4, 2 billion people die and 6 billion people survive in the period of the 4th seal. As the trumpets are sounded, the earth1/3 is devastated, and many people die in the process. After that, the 6th trumpet is sounded and people1/3 die. Assuming that among the 6 billion people who survived the period of the 4th seal, not one person died in the process of devastation of the earth1/3, 1/3 of 6 billion is 2 billion. At the time of the 4th seal, 2 billion people died, and at the time of the 6th trumpet, 2 billion people died, so out of the first 8 billion people, 4 billion people remain. However, the death of the people of the earth1/4 does not mean that people1/4 die. Also, many people will die in the process of devastation of the earth1/3. Therefore, many more people may have already died before the death of the people1/3. In any case, after the world's population is cut by half or less, the prostitute riding the beast takes over the world. After the prostitute, the son of destruction, takes control of the whole world, a massive slaughter on the saints begins. There will be no great tribulation until the world's population is cut by half or less. |
[1] उत्पत्ति 15:7 और उसने उससे कहा, “मैं वही यहोवा हूँ जो तुझे कसदियों के ऊर नगर से बाहर ले आया, कि तुझको इस देश का अधिकार दूँ।” उसने कहा, “हे प्रभु यहोवा मैं कैसे जानूँ कि मैं इसका अधिकारी हूँगा?”
[2] प्रकाशित वाक्य 6:1 फिर मैंने देखा कि मेम्ने ने उन सात मुहरों में से एक को खोला*; और उन चारों प्राणियों में से एक का गर्जन के समान शब्द सुना, “आ।”
[3] भजन संहिता 78:56 तो भी उन्होंने परमप्रधान परमेश्वर की परीक्षा की और उससे बलवा किया, और उसकी चितौनियों को न माना, और मुड़कर अपने पुरखाओं के समान विश्वासघात किया; उन्होंने निकम्मे धनुष के समान धोखा दिया।
होशे 7:16 वे फिरते तो हैं, परन्तु परमप्रधान की ओर नहीं; वे धोखा देनेवाले धनुष के समान हैं; इसलिए उनके हाकिम अपनी क्रोधभरी बातों के कारण तलवार से मारे जाएँगे। मिस्र देश में उनको उपहास में उड़ाए जाने का यही कारण होगा।
[4] मत्ती 24:4 यीशु ने उनको उत्तर दिया, “सावधान रहो! कोई तुम्हें न बहकाने पाए। क्योंकि बहुत से ऐसे होंगे जो मेरे नाम से आकर कहेंगे, ‘मैं मसीह हूँ’, और बहुतों को बहका देंगे।
मरकुस 13:5 यीशु उनसे कहने लगा, “सावधान रहो* कि कोई तुम्हें न भरमाए। बहुत सारे मेरे नाम से आकर कहेंगे, ‘मैं वही हूँ’ और बहुतों को भरमाएँगे।
लूका 21:8 उसने कहा, “सावधान रहो, कि भरमाए न जाओ, क्योंकि बहुत से मेरे नाम से आकर कहेंगे, कि मैं वही हूँ; और यह भी कि समय निकट आ पहुँचा है: तुम उनके पीछे न चले जाना। (1 यूह. 4:1, मर. 13:21-23)
[5] यिर्मयाह 25:31 पृथ्वी की छोर तक भी कोलाहल होगा, क्योंकि सब जातियों से यहोवा का मुकद्दमा है; वह सब मनुष्यों से वाद-विवाद करेगा, और दुष्टों को तलवार के वश में कर देगा।
मीका 4:3 वह बहुत देशों के लोगों का न्याय करेगा*, और दूर-दूर तक की सामर्थी जातियों के झगड़ों को मिटाएगा; इसलिए वे अपनी तलवारें पीट कर हल के फाल, और अपने भालों से हँसिया बनाएँगे; तब एक जाति दूसरी जाति के विरुद्ध तलवार फिर न चलाएगी;
[6] मत्ती 24:6 तुम लड़ाइयों और लड़ाइयों की चर्चा सुनोगे; देखो घबरा न जाना क्योंकि इनका होना अवश्य है, परन्तु उस समय अन्त न होगा।
मरकुस 13:7 और जब तुम लड़ाइयाँ, और लड़ाइयों की चर्चा सुनो, तो न घबराना; क्योंकि इनका होना अवश्य है, परन्तु उस समय अन्त न होगा।
लूका 21:9 और जब तुम लड़ाइयों और बलवों की चर्चा सुनो, तो घबरा न जाना; क्योंकि इनका पहले होना अवश्य है; परन्तु उस समय तुरन्त अन्त न होगा।” तब उसने उनसे कहा, “जाति पर जाति और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा। (2 इति. 15:5-6, यशा. 19:2)
[7] मत्ती 24:7 क्योंकि जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा, और जगह-जगह अकाल पड़ेंगे, और भूकम्प होंगे।
मरकुस 13:8 क्योंकि जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा। और हर कहीं भूकम्प होंगे, और अकाल पड़ेंगे। यह तो पीड़ाओं का आरम्भ ही होगा। (यिर्म. 6:24)
लूका 21:11 और बड़े-बड़े भूकम्प होंगे, और जगह-जगह अकाल और महामारियाँ पड़ेंगी, और आकाश में भयंकर बातें और बड़े-बड़े चिन्ह प्रगट होंगे।
[8] भजन संहिता 52:8 परन्तु मैं तो परमेश्वर के भवन में हरे जैतून के वृक्ष के समान हूँ*। मैंने परमेश्वर की करुणा पर सदा सर्वदा के लिये भरोसा रखा है।
जकर्याह 4:12 फिर मैंने दूसरी बार उससे पूछा, “जैतून की दोनों डालियाँ क्या हैं जो सोने की दोनों नालियों के द्वारा अपने में से सुनहरा तेल उण्डेलती हैं?” उसने मुझसे कहा, “क्या तू नहीं जानता कि ये क्या हैं?” मैंने कहा, “हे मेरे प्रभु, मैं नहीं जानता।” तब उसने कहा, “इनका अर्थ ताजे तेल से भरे हुए वे दो पुरुष हैं जो सारी पृथ्वी के परमेश्वर के पास हाज़िर रहते हैं।”
रोमियो 11:24 क्योंकि यदि तू उस जैतून से, जो स्वभाव से जंगली है, काटा गया और स्वभाव के विरुद्ध* अच्छी जैतून में साटा गया, तो ये जो स्वाभाविक डालियाँ हैं, अपने ही जैतून में साटे क्यों न जाएँगे।
[9] लूका 22:18 क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ, कि जब तक परमेश्वर का राज्य न आए तब तक मैं दाखरस अब से कभी न पीऊँगा।” फिर उसने रोटी ली, और धन्यवाद करके तोड़ी, और उनको यह कहते हुए दी, “यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिये दी जाती है: मेरे स्मरण के लिये यही किया करो।” इसी रीति से उसने भोजन के बाद कटोरा भी यह कहते हुए दिया, “यह कटोरा मेरे उस लहू में जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है नई वाचा है। (निर्ग. 24:8, 1 कुरि. 11:25, मत्ती 26:28, जक. 9:11)
[10] मत्ती 24:7 क्योंकि जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा, और जगह-जगह अकाल पड़ेंगे, और भूकम्प होंगे।
Matt.24:7 For nation shall rise against nation, and kingdom against kingdom: and there shall be famines, and pestilences, and earthquakes, in divers places.[KJV]
[11] मत्ती 24:9 तब वे क्लेश दिलाने के लिये तुम्हें पकड़वाएँगे, और तुम्हें मार डालेंगे और मेरे नाम के कारण सब जातियों के लोग तुम से बैर रखेंगे।
मरकुस 13:9 “परन्तु तुम अपने विषय में सावधान रहो, क्योंकि लोग तुम्हें सभाओं में सौंपेंगे और तुम आराधनालयों में पीटे जाओगे, और मेरे कारण राज्यपालों और राजाओं के आगे खड़े किए जाओगे, ताकि उनके लिये गवाही हो।
लूका 21:12 परन्तु इन सब बातों से पहले वे मेरे नाम के कारण तुम्हें पकड़ेंगे, और सताएँगे, और आराधनालयों में सौंपेंगे, और बन्दीगृह में डलवाएँगे, और राजाओं और राज्यपालों के सामने ले जाएँगे।
[12] दानिय्येल 7:2 दानिय्येल ने यह कहा, “मैंने रात को यह स्वप्न देखा कि महासागर पर चौमुखी आँधी चलने लगी। (प्रका. 7:1) तब समुद्र में से चार बड़े-बड़े जन्तु, जो एक दूसरे से भिन्न थे, निकल आए।
दानिय्येल 7:17 उन चार बड़े-बड़े जन्तुओं का अर्थ चार राज्य हैं, जो पृथ्वी पर उदय होंगे।
[13] प्रकाशित वाक्य 5:8 जब उसने पुस्तक ले ली, तो वे चारों प्राणी और चौबीसों प्राचीन उस मेम्ने के सामने गिर पड़े; और हर एक के हाथ में वीणा और धूप से भरे हुए सोने के कटोरे थे, ये तो पवित्र लोगों की प्रार्थनाएँ हैं। (प्रका. 5:14, प्रका. 19:4)
[14] लैव्यवस्था 16:12 और जो वेदी यहोवा के सम्मुख है, उस पर के जलते हुए कोयलों से भरे हुए धूपदान को लेकर, और अपनी दोनों मुट्ठियों को कूटे हुए सुगन्धित धूप से भरकर, बीचवाले पर्दे के भीतर ले आकर (इब्रा. 6:19) उस धूप को यहोवा के सम्मुख आग में डाले, जिससे धूप का धुआँ साक्षीपत्र के ऊपर के प्रायश्चित के ढकने के ऊपर छा जाए, नहीं तो वह मर जाएगा;
[15] प्रकाशित वाक्य 10:10 अतः मैं वह छोटी पुस्तक उस स्वर्गदूत के हाथ से लेकर खा गया। वह मेरे मुँह में मधु जैसी मीठी तो लगी, पर जब मैं उसे खा गया, तो मेरा पेट कड़वा हो गया। तब मुझसे यह कहा गया, “तुझे बहुत से लोगों, जातियों, भाषाओं, और राजाओं के विषय में फिर भविष्यद्वाणी करनी होगी।”
[16] प्रकाशित वाक्य 11:5 और यदि कोई उनको हानि पहुँचाना चाहता है, तो उनके मुँह से आग निकलकर उनके बैरियों को भस्म करती है, और यदि कोई उनको हानि पहुँचाना चाहेगा, तो अवश्य इसी रीति से मार डाला जाएगा। (यिर्म. 5:14) उन्हें अधिकार है कि आकाश को बन्द करें, कि उनकी भविष्यद्वाणी के दिनों में मेंह न बरसे, और उन्हें सब पानी पर अधिकार है, कि उसे लहू बनाएँ, और जब-जब चाहें तब-तब पृथ्वी पर हर प्रकार की विपत्ति लाएँ।
[17] प्रकाशित वाक्य 11:2 पर मन्दिर के बाहर का आँगन छोड़ दे; उसे मत नाप क्योंकि वह अन्यजातियों को दिया गया है, और वे पवित्र नगर को बयालीस महीने तक रौंदेंगी। “और मैं अपने दो गवाहों को यह अधिकार दूँगा कि टाट ओढ़े हुए एक हजार दो सौ साठ दिन तक भविष्यद्वाणी करें।”
[18] दानिय्येल 7:25 और वह परमप्रधान के विरुद्ध बातें कहेगा, और परमप्रधान के पवित्र लोगों को पीस डालेगा, और समयों और व्यवस्था के बदल देने की आशा करेगा, वरन् साढ़े तीन काल तक वे सब उसके वश में कर दिए जाएँगे। (प्रका. 13:6-7)
[19] दानिय्येल 9:27 और वह प्रधान एक सप्ताह के लिये बहुतों के संग दृढ़ वाचा बाँधेगा*, (view1:in the midst of the week/view2:for half of the week)परन्तु आधे सप्ताह के बीतने पर वह मेलबलि और अन्नबलि को बन्द करेगा; और कंगूरे पर उजाड़नेवाली घृणित वस्तुएँ दिखाई देंगी और निश्चय से ठनी हुई बात के समाप्त होने तक परमेश्वर का क्रोध उजाड़नेवाले पर पड़ा रहेगा।”
[20] गिनती 14:34 जितने दिन तुम उस देश का भेद लेते रहे, अर्थात् चालीस दिन उनकी गिनती के अनुसार, एक दिन के बदले एक वर्ष, अर्थात् चालीस वर्ष तक तुम अपने अधर्म का दण्ड उठाए रहोगे, तब तुम जान लोगे कि मेरा विरोध क्या है। (प्रेरि. 13:18)
[21] प्रकाशित वाक्य 17:3 तब वह मुझे पवित्र आत्मा में जंगल को ले गया, और मैंने लाल रंग के पशु पर जो निन्दा के नामों से भरा हुआ था और जिसके सात सिर और दस सींग थे, एक स्त्री को बैठे हुए देखा। यह स्त्री बैंगनी, और लाल रंग के कपड़े पहने थी, और सोने और बहुमूल्य मणियों और मोतियों से सजी हुई थी, और उसके हाथ में एक सोने का कटोरा था जो घृणित वस्तुओं से और उसके व्यभिचार की अशुद्ध वस्तुओं से भरा हुआ था। और उसके माथे पर यह नाम लिखा था, “भेद बड़ा बाबेल पृथ्वी की वेश्याओं और घृणित वस्तुओं की माता।” (प्रका. 19:2)
[22] प्रकाशित वाक्य 13:1 मैंने एक पशु को समुद्र में से निकलते हुए देखा, जिसके दस सींग और सात सिर थे। उसके सींगों पर दस राजमुकुट, और उसके सिरों पर परमेश्वर की निन्दा के नाम लिखे हुए थे। (दानि. 7:3, प्रका. 12:3) जो पशु मैंने देखा, वह चीते के समान था; और उसके पाँव भालू के समान, और मुँह सिंह के समान था। और उस अजगर ने अपनी सामर्थ्य, और अपना सिंहासन, और बड़ा अधिकार, उसे दे दिया।
[23] प्रकाशित वाक्य 19:20 और वह पशु और उसके साथ वह झूठा भविष्यद्वक्ता पकड़ा गया*, जिसने उसके सामने ऐसे चिन्ह दिखाए थे, जिनके द्वारा उसने उनको भरमाया, जिन पर उस पशु की छाप थी, और जो उसकी मूर्ति की पूजा करते थे। ये दोनों जीते जी उस आग की झील में, जो गन्धक से जलती है, डाले गए। (प्रका. 20:20)
[24] प्रकाशित वाक्य 13:5 बड़े बोल बोलने और निन्दा करने के लिये उसे एक मुँह दिया गया, और उसे बयालीस महीने तक काम करने का अधिकार दिया गया।
[25] 2थिस्सलुनीकियों 2:3 किसी रीति से किसी के धोखे में न आना क्योंकि वह दिन न आएगा, जब तक विद्रोह नहीं होता, और वह अधर्मी पुरुष अर्थात् विनाश का पुत्र प्रगट न हो। जो विरोध करता है, और हर एक से जो परमेश्वर, या पूज्य कहलाता है, अपने आप को बड़ा ठहराता है, यहाँ तक कि वह परमेश्वर के मन्दिर में बैठकर अपने आप को परमेश्वर प्रगट करता है। (यहे. 28:2, दानि. 11:36-37)
दानिय्येल 12:1 “उसी समय मीकाएल नाम बड़ा प्रधान, जो तेरे जाति-भाइयों का पक्ष करने को खड़ा रहता है, वह उठेगा*। तब ऐसे संकट का समय होगा, जैसा किसी जाति के उत्पन्न होने के समय से लेकर अब तक कभी न हुआ होगा; परन्तु उस समय तेरे लोगों में से जितनों के नाम परमेश्वर की पुस्तक में लिखे हुए हैं, वे बच निकलेंगे।
मत्ती 24:15 “इसलिए जब तुम उस उजाड़नेवाली घृणित वस्तु को जिसकी चर्चा दानिय्येल भविष्यद्वक्ता के द्वारा हुई थी, पवित्रस्थान में खड़ी हुई देखो, (जो पढ़े, वह समझे)। तब जो यहूदिया में हों वे पहाड़ों पर भाग जाएँ।
मत्ती 24:21 क्योंकि उस समय ऐसा भारी क्लेश होगा, जैसा जगत के आरम्भ से न अब तक हुआ, और न कभी होगा। और यदि वे दिन घटाए न जाते, तो कोई प्राणी न बचता; परन्तु चुने हुओं के कारण वे दिन घटाए जाएँगे।
मत्ती 24:29 “उन दिनों के क्लेश के बाद तुरन्त सूर्य अंधियारा हो जाएगा, और चाँद का प्रकाश जाता रहेगा, और तारे आकाश से गिर पड़ेंगे और आकाश की शक्तियाँ हिलाई जाएँगी। तब मनुष्य के पुत्र का चिन्ह आकाश में दिखाई देगा, और तब पृथ्वी के सब कुलों के लोग छाती पीटेंगे; और मनुष्य के पुत्र को बड़ी सामर्थ्य और ऐश्वर्य के साथ आकाश के बादलों पर आते देखेंगे।
[26] प्रकाशित वाक्य 14:1 फिर मैंने दृष्टि की, और देखो, वह मेम्ना सिय्योन पहाड़ पर खड़ा है, और उसके साथ एक लाख चौवालीस हजार जन हैं, जिनके माथे पर उसका और उसके पिता का नाम लिखा हुआ है।
[27] प्रकाशित वाक्य 7:3 “जब तक हम अपने परमेश्वर के दासों के माथे पर मुहर न लगा दें, तब तक पृथ्वी और समुद्र और पेड़ों को हानि न पहुँचाना।” (यहे. 9:4) और जिन पर मुहर दी गई, मैंने उनकी गिनती सुनी, कि इस्राएल की सन्तानों के सब गोत्रों में से एक लाख चौवालीस हजार पर मुहर दी गई:
[28] प्रकाशित वाक्य 7:14 मैंने उससे कहा, “हे स्वामी, तू ही जानता है।” उसने मुझसे कहा, “ये वे हैं, जो उस महा क्लेश में से निकलकर आए हैं; इन्होंने अपने-अपने वस्त्र मेम्ने के लहू में धोकर श्वेत किए हैं। (प्रका. 22:14)
[29] प्रकाशित वाक्य 15:2 और मैंने आग से मिले हुए काँच के जैसा एक समुद्र देखा, और जो लोग उस पशु पर और उसकी मूर्ति पर, और उसके नाम के अंक पर जयवन्त हुए थे, उन्हें उस काँच के समुद्र के निकट परमेश्वर की वीणाओं को लिए हुए खड़े देखा। और वे परमेश्वर के दास मूसा का गीत*, और मेम्ने का गीत गा गाकर कहते थे, “हे सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर, तेरे कार्य महान, और अद्भुत हैं, हे युग-युग के राजा, तेरी चाल ठीक और सच्ची है।” (भज. 111:2, भज. 139:14, भज. 145:17)
[30] इब्रानियों 11:35 स्त्रियों ने अपने मरे हुओं को फिर जीविते पाया; कितने तो मार खाते-खाते मर गए; और छुटकारा न चाहा; इसलिए कि उत्तम पुनरुत्थान के भागी हों। दूसरे लोग तो उपहास में उड़ाएँ जाने; और कोड़े खाने; वरन् बाँधे जाने; और कैद में पड़ने के द्वारा परखे गए। पत्थराव किए गए; आरे से चीरे गए; उनकी परीक्षा की गई; तलवार से मारे गए; वे कंगाली में और क्लेश में और दुःख भोगते हुए भेड़ों और बकरियों की खालें ओढ़े हुए, इधर-उधर मारे-मारे फिरे। और जंगलों, और पहाड़ों, और गुफाओं में, और पृथ्वी की दरारों में भटकते फिरे। संसार उनके योग्य न था।
[31] दानिय्येल 9:27 और वह प्रधान एक सप्ताह के लिये बहुतों के संग दृढ़ वाचा बाँधेगा*, (view1:in the midst of the week/view2:for half of the week)परन्तु आधे सप्ताह के बीतने पर वह मेलबलि और अन्नबलि को बन्द करेगा; और कंगूरे पर उजाड़नेवाली घृणित वस्तुएँ दिखाई देंगी और निश्चय से ठनी हुई बात के समाप्त होने तक परमेश्वर का क्रोध उजाड़नेवाले पर पड़ा रहेगा।”
[32] प्रकाशित वाक्य 11:5 और यदि कोई उनको हानि पहुँचाना चाहता है, तो उनके मुँह से आग निकलकर उनके बैरियों को भस्म करती है, और यदि कोई उनको हानि पहुँचाना चाहेगा, तो अवश्य इसी रीति से मार डाला जाएगा। (यिर्म. 5:14) उन्हें अधिकार है कि आकाश को बन्द करें, कि उनकी भविष्यद्वाणी के दिनों में मेंह न बरसे, और उन्हें सब पानी पर अधिकार है, कि उसे लहू बनाएँ, और जब-जब चाहें तब-तब पृथ्वी पर हर प्रकार की विपत्ति लाएँ। जब वे अपनी गवाही दे चुकेंगे, तो वह पशु जो अथाह कुण्ड में से निकलेगा, उनसे लड़कर उन्हें जीतेगा और उन्हें मार डालेगा। (प्रका. 13:7)
[33] दानिय्येल 9:27 और वह प्रधान एक सप्ताह के लिये बहुतों के संग दृढ़ वाचा बाँधेगा*, (view1:in the midst of the week/view2:for half of the week)परन्तु आधे सप्ताह के बीतने पर वह मेलबलि और अन्नबलि को बन्द करेगा; और कंगूरे पर उजाड़नेवाली घृणित वस्तुएँ दिखाई देंगी और निश्चय से ठनी हुई बात के समाप्त होने तक परमेश्वर का क्रोध उजाड़नेवाले पर पड़ा रहेगा।”
[34] प्रकाशित वाक्य 17:3 तब वह मुझे पवित्र आत्मा में जंगल को ले गया, और मैंने लाल रंग के पशु पर जो निन्दा के नामों से भरा हुआ था और जिसके सात सिर और दस सींग थे, एक स्त्री को बैठे हुए देखा। यह स्त्री बैंगनी, और लाल रंग के कपड़े पहने थी, और सोने और बहुमूल्य मणियों और मोतियों से सजी हुई थी, और उसके हाथ में एक सोने का कटोरा था जो घृणित वस्तुओं से और उसके व्यभिचार की अशुद्ध वस्तुओं से भरा हुआ था। और उसके माथे पर यह नाम लिखा था, “भेद बड़ा बाबेल पृथ्वी की वेश्याओं और घृणित वस्तुओं की माता।” (प्रका. 19:2) और मैंने उस स्त्री को पवित्र लोगों के लहू और यीशु के गवाहों के लहू पीने से मतवाली देखा; और उसे देखकर मैं चकित हो गया। उस स्वर्गदूत ने मुझसे कहा, “तू क्यों चकित हुआ? मैं इस स्त्री, और उस पशु का, जिस पर वह सवार है, और जिसके सात सिर और दस सींग हैं, तुझे भेद बताता हूँ।
[35] प्रकाशित वाक्य 9:1 जब पाँचवें स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, तो मैंने स्वर्ग से पृथ्वी पर एक तारा गिरता हुआ देखा, और उसे अथाह कुण्ड की कुंजी दी गई। उसने अथाह कुण्ड को खोला, और कुण्ड में से बड़ी भट्टी के समान धूआँ उठा, और कुण्ड के धुएँ से सूर्य और वायु अंधकारमय हो गए। (योए. 2:10, योए. 2:30)
प्रकाशित वाक्य 13:1 मैंने एक पशु को समुद्र में से निकलते हुए देखा, जिसके दस सींग और सात सिर थे। उसके सींगों पर दस राजमुकुट, और उसके सिरों पर परमेश्वर की निन्दा के नाम लिखे हुए थे। (दानि. 7:3, प्रका. 12:3) जो पशु मैंने देखा, वह चीते के समान था; और उसके पाँव भालू के समान, और मुँह सिंह के समान था। और उस अजगर ने अपनी सामर्थ्य, और अपना सिंहासन, और बड़ा अधिकार, उसे दे दिया।
[36] 2थिस्सलुनीकियों 2:3 किसी रीति से किसी के धोखे में न आना क्योंकि वह दिन न आएगा, जब तक विद्रोह नहीं होता, और वह अधर्मी पुरुष अर्थात् विनाश का पुत्र प्रगट न हो। जो विरोध करता है, और हर एक से जो परमेश्वर, या पूज्य कहलाता है, अपने आप को बड़ा ठहराता है, यहाँ तक कि वह परमेश्वर के मन्दिर में बैठकर अपने आप को परमेश्वर प्रगट करता है। (यहे. 28:2, दानि. 11:36-37)
[37] 1कुरिन्थियों 15:51 देखो, मैं तुम से भेद की बात कहता हूँ: कि हम सब तो नहीं सोएँगे, परन्तु सब बदल जाएँगे। और यह क्षण भर में, पलक मारते ही अन्तिम तुरही फूँकते ही होगा क्योंकि तुरही फूँकी जाएगी और मुर्दे अविनाशी दशा में उठाए जाएँगे, और हम बदल जाएँगे।
[38] प्रकाशित वाक्य 13:15 और उसे उस पशु की मूर्ति में प्राण डालने का अधिकार दिया गया, कि पशु की मूर्ति बोलने लगे; और जितने लोग उस पशु की मूर्ति की पूजा न करें, उन्हें मरवा डाले। (दानि. 3:5-6) और उसने छोटे-बड़े, धनी-कंगाल, स्वतंत्र-दास सब के दाहिने हाथ या उनके माथे पर एक-एक छाप करा दी,
[39] प्रकाशित वाक्य 12:14 पर उस स्त्री को बड़े उकाब के दो पंख दिए गए, कि साँप के सामने से उड़कर जंगल में उस जगह पहुँच जाए, जहाँ वह एक समय, और समयों, और आधे समय तक पाली जाए।
[40] प्रकाशित वाक्य 20:4 फिर मैंने सिंहासन देखे, और उन पर लोग बैठ गए, और उनको न्याय करने का अधिकार दिया गया। और उनकी आत्माओं को भी देखा, जिनके सिर यीशु की गवाही देने और परमेश्वर के वचन के कारण* काटे गए थे, और जिन्होंने न उस पशु की, और न उसकी मूर्ति की पूजा की थी, और न उसकी छाप अपने माथे और हाथों पर ली थी। वे जीवित होकर मसीह के साथ हजार वर्ष तक राज्य करते रहे। (दानि. 7:22) जब तक ये हजार वर्ष पूरे न हुए तब तक शेष मरे हुए न जी उठे। यह तो पहला पुनरुत्थान है।
[41] प्रकाशित वाक्य 14:9 फिर इनके बाद एक और तीसरा स्वर्गदूत बड़े शब्द से यह कहता हुआ आया, “जो कोई उस पशु और उसकी मूर्ति की पूजा करे, और अपने माथे या अपने हाथ पर उसकी छाप ले, तो वह परमेश्वर के प्रकोप की मदिरा जो बिना मिलावट के, उसके क्रोध के कटोरे में डाली गई है, पीएगा और पवित्र स्वर्गदूतों के सामने और मेम्ने के सामने आग और गन्धक की पीड़ा में पड़ेगा। (यशा. 51:17) और उनकी पीड़ा का धूआँ युगानुयुग उठता रहेगा, और जो उस पशु और उसकी मूर्ति की पूजा करते हैं, और जो उसके नाम की छाप लेते हैं, उनको रात-दिन चैन न मिलेगा।”
[42] प्रकाशित वाक्य 13:8 पृथ्वी के वे सब रहनेवाले जिनके नाम उस मेम्ने की जीवन की पुस्तक* में लिखे नहीं गए, जो जगत की उत्पत्ति के समय से घात हुआ है, उस पशु की पूजा करेंगे।
[43] प्रकाशित वाक्य 12:6 और वह स्त्री उस जंगल को भाग गई, जहाँ परमेश्वर की ओर से उसके लिये एक जगह तैयार की गई थी कि वहाँ वह एक हजार दो सौ साठ दिन तक पाली जाए। (प्रका. 12:14)
[44] इब्रानियों 11:37 पत्थराव किए गए; आरे से चीरे गए; उनकी परीक्षा की गई; तलवार से मारे गए; वे कंगाली में और क्लेश में और दुःख भोगते हुए भेड़ों और बकरियों की खालें ओढ़े हुए, इधर-उधर मारे-मारे फिरे। और जंगलों, और पहाड़ों, और गुफाओं में, और पृथ्वी की दरारों में भटकते फिरे। संसार उनके योग्य न था।
[45] प्रकाशित वाक्य 11:19 और परमेश्वर का जो मन्दिर स्वर्ग में है, वह खोला गया, और उसके मन्दिर में उसकी वाचा का सन्दूक दिखाई दिया, बिजलियाँ, शब्द, गर्जन और भूकम्प हुए, और बड़े ओले पड़े। (प्रका. 15:5)
[46] प्रकाशित वाक्य 16:17 और सातवें स्वर्गदूत ने अपना कटोरा हवा पर उण्डेल दिया, और मन्दिर के सिंहासन से यह बड़ा शब्द हुआ, “हो चुका।” फिर बिजलियाँ, और शब्द, और गर्जन हुए, और एक ऐसा बड़ा भूकम्प हुआ, कि जब से मनुष्य की उत्पत्ति पृथ्वी पर हुई, तब से ऐसा बड़ा भूकम्प कभी न हुआ था। (मत्ती 24:21)
[47] प्रकाशित वाक्य 4:5 उस सिंहासन में से बिजलियाँ और गर्जन निकलते हैं* और सिंहासन के सामने आग के सात दीपक जल रहे हैं, वे परमेश्वर की सात आत्माएँ हैं, (जक. 4:2)
[48] लैव्यवस्था 16:1 जब हारून के दो पुत्र यहोवा के सामने समीप जाकर मर गए*, उसके बाद यहोवा ने मूसा से बातें की; और यहोवा ने मूसा से कहा, “अपने भाई हारून से कह कि सन्दूक के ऊपर के प्रायश्चितवाले ढकने के आगे, बीचवाले पर्दे के अन्दर, अति पवित्रस्थान में हर समय न प्रवेश करे, नहीं तो मर जाएगा; क्योंकि मैं प्रायश्चित वाले ढकने के ऊपर बादल में दिखाई दूँगा। (इब्रा. 6:19)
लैव्यवस्था 16:12 और जो वेदी यहोवा के सम्मुख है, उस पर के जलते हुए कोयलों से भरे हुए धूपदान को लेकर, और अपनी दोनों मुट्ठियों को कूटे हुए सुगन्धित धूप से भरकर, बीचवाले पर्दे के भीतर ले आकर (इब्रा. 6:19) उस धूप को यहोवा के सम्मुख आग में डाले, जिससे धूप का धुआँ साक्षीपत्र के ऊपर के प्रायश्चित के ढकने के ऊपर छा जाए, नहीं तो वह मर जाएगा;
[49] प्रकाशित वाक्य 8:3 फिर एक और स्वर्गदूत सोने का धूपदान लिये हुए आया, और वेदी के निकट खड़ा हुआ; और उसको बहुत धूप दिया गया कि सब पवित्र लोगों की प्रार्थनाओं के साथ सोने की उस वेदी पर, जो सिंहासन के सामने है चढ़ाएँ। (प्रका. 5:8) और उस धूप का धूआँ पवित्र लोगों की प्रार्थनाओं सहित स्वर्गदूत के हाथ से परमेश्वर के सामने पहुँच गया। (भज. 141:2)
[50] लैव्यवस्था 16:16 और वह इस्राएलियों की भाँति-भाँति की अशुद्धता, और अपराधों, और उनके सब पापों के कारण पवित्रस्थान के लिये प्रायश्चित करे; और मिलापवाले तम्बू जो उनके संग उनकी भाँति-भाँति की अशुद्धता के बीच रहता है* उसके लिये भी वह वैसा ही करे। जब हारून प्रायश्चित करने के लिये अति पवित्रस्थान में प्रवेश करे, तब से जब तक वह अपने और अपने घराने और इस्राएल की सारी मण्डली के लिये प्रायश्चित करके बाहर न निकले तब तक कोई मनुष्य मिलापवाले तम्बू में न रहे।
[51] प्रकाशित वाक्य 16:17 और सातवें स्वर्गदूत ने अपना कटोरा हवा पर उण्डेल दिया, और मन्दिर के सिंहासन से यह बड़ा शब्द हुआ, “हो चुका।” फिर बिजलियाँ, और शब्द, और गर्जन हुए, और एक ऐसा बड़ा भूकम्प हुआ, कि जब से मनुष्य की उत्पत्ति पृथ्वी पर हुई, तब से ऐसा बड़ा भूकम्प कभी न हुआ था। (मत्ती 24:21)
[52] लैव्यवस्था 16:18 फिर वह निकलकर उस वेदी के पास जो यहोवा के सामने है जाए और उसके लिये प्रायश्चित करे, अर्थात् बछड़े के लहू और बकरे के लहू दोनों में से कुछ लेकर उस वेदी के चारों कोनों के सींगों पर लगाए। और उस लहू में से कुछ अपनी उँगली के द्वारा सात बार उस पर छिड़ककर उसे इस्राएलियों की भाँति-भाँति की अशुद्धता छुड़ाकर शुद्ध और पवित्र करे। “जब वह पवित्रस्थान और मिलापवाले तम्बू और वेदी के लिये प्रायश्चित कर चुके, तब जीवित बकरे को आगे ले आए;https://youtu.be/AupisuARmgQ?feature=shared
'3 हिंदी बाइबिल Eng comment' 카테고리의 다른 글
52 Questions about the 2300 evenings and mornings (0) | 2024.01.27 |
---|---|
51 2300 evenings and mornings (0) | 2024.01.27 |
49 End of the 1st half of the last1week, beginning of the 2nd half of the last1week (0) | 2024.01.21 |
48 Returning the will to sin to Azazel (0) | 2024.01.21 |
47 Process of annihilation of sin in the creation world after the sounding of the 7th trumpet (0) | 2024.01.21 |