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2 हिंदी बाइबिल Eng comment

18 Fully God

by aparke 2024. 1. 27.

1. Fully God

   The Son is the Word.

यूहन्ना 1:1 आदि में* वचन था, और वचन परमेश्‍वर के साथ था, और वचन परमेश्‍वर था।

यूहन्ना 1:2 यही आदि में परमेश्‍वर के साथ था।

यूहन्ना 1:3 सब कुछ उसी के द्वारा उत्‍पन्‍न हुआ और जो कुछ उत्‍पन्‍न हुआ है, उसमें से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्‍पन्‍न न हुई।

      The Son is the Word.

यूहन्ना 1:14 और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हमने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। (1 यूह. 4:9)

1यूहन्ना 1:1 उस जीवन के वचन के विषय में जो आदि से था*, जिसे हमने सुना, और जिसे अपनी आँखों से देखा, वरन् जिसे हमने ध्यान से देखा और हाथों से छुआ।

1यूहन्ना 1:2 (यह जीवन प्रगट हुआ, और हमने उसे देखा, और उसकी गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं जो पिता के साथ था और हम पर प्रगट हुआ)।

      The Son is the Word that is the life of creatures.

यूहन्ना 6:47 मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, कि जो कोई विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसी का है।

यूहन्ना 6:48 जीवन की रोटी मैं हूँ।

यूहन्ना 6:49 तुम्हारे पूर्वजों ने जंगल में मन्ना खाया और मर गए।

यूहन्ना 6:50 यह वह रोटी है जो स्वर्ग से उतरती है ताकि मनुष्य उसमें से खाए और न मरे।

यूहन्ना 6:51 जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा; और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूँगा, वह मेरा माँस है।

      The Son is the Word that is the bread of life.

नीतिवचन 8:22 “यहोवा ने मुझे काम करने के आरम्भ में, वरन् अपने प्राचीनकाल के कामों से भी पहले उत्‍पन्‍न किया*।

नीतिवचन 8:23 मैं सदा से वरन् आदि ही से पृथ्वी की सृष्टि से पहले ही से ठहराई गई हूँ।

      The Son is the wisdom.

 

   The Son is God the Creator.

यूहन्ना 1:3 सब कुछ उसी के द्वारा उत्‍पन्‍न हुआ और जो कुछ उत्‍पन्‍न हुआ है, उसमें से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्‍पन्‍न न हुई।

      The creation world was made through the Son.

कुलुस्सियों 1:15 पुत्र तो अदृश्य परमेश्‍वर का प्रतिरूप* और सारी सृष्टि में पहलौठा है।

कुलुस्सियों 1:16 क्योंकि उसी में सारी वस्तुओं की सृष्टि हुई, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुताएँ, क्या प्रधानताएँ, क्या अधिकार, सारी वस्तुएँ उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं।

कुलुस्सियों 1:17 और वही सब वस्तुओं में प्रथम है, और सब वस्तुएँ उसी में स्थिर रहती हैं। (प्रका. 1:8)

      The creation world was created by the Son and for the Son. All creatures hold together in the Son. All creatures still consist by the Son.

फिलिप्पियों 2:5 जैसा मसीह यीशु का स्वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्वभाव हो;

फिलिप्पियों 2:6 जिसने परमेश्‍वर के स्वरूप में होकर भी परमेश्‍वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा।

      The Son, being in very nature God, was equal with God the Father before He made Himself nothing. The Son is the Almighty. The Son is the eternal God.

इब्रानियों 1:2 पर इन अन्तिम दिनों में हम से अपने पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्टि भी रची है। (1 कुरि. 8:6, यूह. 1:3)

      The creation world was made through the Son.

यूहन्ना 8:58 यीशु ने उनसे कहा, “मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, कि पहले इसके कि अब्राहम उत्‍पन्‍न हुआ, मैं हूँ।

      The Son is in ever-existing eternity.[1] Within the limits of space-time, the Son is now a creature who is clothed with a spiritual body.[2] The realm that transcends space-time cannot be understood by creatures. Creatures are created and exist only confined in space-time, and are also thinking only in space-time.[3] Creatures know only as much as God the Creator has made them known.[4] Creatures can never understand more than that forever.[5]

इब्रानियों 1:3 वह उसकी महिमा का प्रकाश, और उसके तत्व की छाप है, और सब वस्तुओं को अपनी सामर्थ्य के वचन से संभालता है: वह पापों को धोकर ऊँचे स्थानों पर महामहिमन् के दाहिने जा बैठा।

      The Son is sustaining all creatures by the word of His power.

प्रकाशित वाक्य 1:17 जब मैंने उसे देखा, तो उसके पैरों पर मुर्दा सा गिर पड़ा* और उसने मुझ पर अपना दाहिना हाथ रखकर यह कहा, “मत डर; मैं प्रथम और अन्तिम हूँ, और जीवित भी मैं हूँ, (यशा. 44:6, दानि. 8:17)

प्रकाशित वाक्य 1:18 मैं मर गया था, और अब देख मैं युगानुयुग जीविता हूँ; और मृत्यु और अधोलोक की कुंजियाँ मेरे ही पास हैं। (रोम. 6:9, रोम. 14:9)

प्रकाशित वाक्य 22:13 “मैं अल्फा और ओमेगा, पहला और अन्तिम, आदि और अन्त हूँ।” (यशा. 44:6, यशा. 48:12)

      Everything is in the Son.

मत्ती 26:63 परन्तु यीशु चुप रहा। तब महायाजक ने उससे कहा मैं तुझे जीविते परमेश्‍वर की शपथ देता हूँ*, कि यदि तू परमेश्‍वर का पुत्र मसीह है, तो हम से कह दे।

मत्ती 26:64 यीशु ने उससे कहा, “तूने आप ही कह दिया; वरन् मैं तुम से यह भी कहता हूँ, कि अब से तुम मनुष्य के पुत्र को सर्वशक्तिमान की दाहिनी ओर बैठे, और आकाश के बादलों पर आते देखोगे।

      To the living God the Son who created all creatures including angels and humans, and still continues them as beings[6], the creature high priest babbles rudely. He charges the living God under oath by the living God.

   The Son is the life.

यूहन्ना 5:21 क्योंकि जैसा पिता मरे हुओं को उठाता और जिलाता है, वैसा ही पुत्र भी जिन्हें चाहता है, उन्हें जिलाता है।

यूहन्ना 5:25 “मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, वह समय आता है, और अब है, जिसमें मृतक परमेश्‍वर के पुत्र का शब्द सुनेंगे, और जो सुनेंगे वे जीएँगे।

यूहन्ना 5:26 क्योंकि जिस रीति से पिता अपने आप में जीवन रखता है, उसी रीति से उसने पुत्र को भी यह अधिकार दिया है कि अपने आप में जीवन रखे;

      The creation world belongs to the Son, and only creatures in the Son can receive life and be continued their living through the Son.

यूहन्ना 3:35 पिता पुत्र से प्रेम रखता है, और उसने सब वस्तुएँ उसके हाथ में दे दी हैं।

यूहन्ना 3:36 जो पुत्र पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्‍वर का क्रोध उस पर रहता है।

      The Son is the life of creatures. All the trash that opposes the Son will be thrown into the lake of fire, leaving only the creatures who obey the Son who rules with love.

1यूहन्ना 5:11 और वह गवाही यह है, कि परमेश्‍वर ने हमें अनन्त जीवन दिया है और यह जीवन उसके पुत्र में है।

1यूहन्ना 5:12 जिसके पास पुत्र है, उसके पास जीवन है; और जिसके पास परमेश्‍वर का पुत्र नहीं, उसके पास जीवन भी नहीं है।

1यूहन्ना 5:13 मैंने तुम्हें, जो परमेश्‍वर के पुत्र के नाम पर विश्वास करते हो, इसलिए लिखा है कि तुम जानो कि अनन्त जीवन तुम्हारा है।

      Only in the Son is the life of the creatures. Any creature that does not have the Son dies.

1यूहन्ना 5:20 और यह भी जानते हैं, कि परमेश्‍वर का पुत्र आ गया है और उसने हमें समझ दी है, कि हम उस सच्चे को पहचानें, और हम उसमें जो सत्य है, अर्थात् उसके पुत्र यीशु मसीह में रहते हैं। सच्चा परमेश्‍वर और अनन्त जीवन यही है।

      The Son is the true God and eternal life.



[1] यूहन्ना 1:18 परमेश्‍वर को किसी ने कभी नहीं देखा*, एकलौता पुत्र जो पिता की गोद में हैं, उसी ने उसे प्रगट किया।

[2] लूका 24:39 मेरे हाथ और मेरे पाँव को देखो, कि मैं वहीं हूँ; मुझे छूकर देखो; क्योंकि आत्मा के हड्डी माँस नहीं होता जैसा मुझ में देखते हो।

[3] दानिय्येल 9:22 उसने मुझसे कहा, “हे दानिय्येल, मैं तुझे बुद्धि और प्रवीणता देने को अभी निकल आया हूँ। जब तू गिड़गिड़ाकर विनती करने लगा, तब ही इसकी आज्ञा निकली, इसलिए मैं तुझे बताने आया हूँ, क्योंकि तू अति प्रिय ठहरा है; इसलिए उस विषय को समझ ले और दर्शन की बात का अर्थ जान ले।

[4] मत्ती 16:17 यीशु ने उसको उत्तर दिया, “हे शमौन, योना के पुत्र, तू धन्य है; क्योंकि माँस और लहू ने नहीं, परन्तु मेरे पिता ने जो स्वर्ग में है, यह बात तुझ पर प्रगट की है।

  यूहन्ना 3:27 यूहन्ना ने उत्तर दिया, “जब तक मनुष्य को स्वर्ग से न दिया जाए, तब तक वह कुछ नहीं पा सकता।

  मत्ती 10:29 क्या एक पैसे में दो गौरैये नहीं बिकती? फिर भी तुम्हारे पिता की इच्छा के बिना उनमें से एक भी भूमि पर नहीं गिर सकती।

  अय्यूब 1:12 यहोवा ने शैतान से कहा, “सुन, जो कुछ उसका है, वह सब तेरे हाथ में है; केवल उसके शरीर पर हाथ न लगाना।तब शैतान यहोवा के सामने से चला गया।

[5] 1कुरिन्थियों 1:27 परन्तु परमेश्‍वर ने जगत के मूर्खों* को चुन लिया है, कि ज्ञानियों को लज्जित करे; और परमेश्‍वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्जित करे। और परमेश्‍वर ने जगत के नीचों और तुच्छों को, वरन् जो हैं भी नहीं उनको भी चुन लिया, कि उन्हें जो हैं, व्यर्थ ठहराए। ताकि कोई प्राणी परमेश्‍वर के सामने घमण्ड न करने पाए।

[6] इब्रानियों 1:3 वह उसकी महिमा का प्रकाश, और उसके तत्व की छाप है, और सब वस्तुओं को अपनी सामर्थ्य के वचन से संभालता है: वह पापों को धोकर ऊँचे स्थानों पर महामहिमन् के दाहिने जा बैठा।

  प्रकाशित वाक्य 5:11 जब मैंने देखा, तो उस सिंहासन और उन प्राणियों और उन प्राचीनों के चारों ओर बहुत से स्वर्गदूतों का शब्द सुना, जिनकी गिनती लाखों और करोड़ों की थी। (दानि. 7:10) और वे ऊँचे शब्द से कहते थे, “वध किया हुआ मेम्‍ना ही सामर्थ्य, और धन, और ज्ञान, और शक्ति, और आदर, और महिमा, और स्तुति के योग्य है*।” (प्रका. 5:9) फिर मैंने स्वर्ग में, और पृथ्वी पर, और पृथ्वी के नीचे, और समुद्र की सब रची हुई वस्तुओं को, और सब कुछ को जो उनमें हैं, यह कहते सुना, “जो सिंहासन पर बैठा है, उसकी, और मेम्‍ने की स्तुति, और आदर, और महिमा, और राज्य, युगानुयुग रहे।और चारों प्राणियों ने आमीन कहा, और प्राचीनों ने गिरकर दण्डवत् किया।https://youtu.be/AupisuARmgQ?feature=shared

 

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