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3 हिंदी बाइबिल Eng comment

11 Name written on foreheads

by aparke 2024. 1. 21.
Name written on foreheads
प्रकाशित वाक्य 14:1 फिर मैंने दृष्टि की, और देखो, वह मेम्‍ना सिय्योन पहाड़ पर खड़ा है, और उसके साथ एक लाख चौवालीस हजार जन हैं, जिनके माथे पर उसका और उसके पिता का नाम लिखा हुआ है।
      The Son came in the name of His Father[1] and inherited the name placed upon the throne of His Father[2] and sat down at the right hand of His Father[3], so at the name of Jesus every knee should bow, of those in heaven, those on earth, and those under the earth.[4] Considering this, the name that the Father placed on the throne of the creation world is thought to be the name given to His Son, that is, 'Jesus'.[5] In other words, since the Son inherited His Father's name placed in the creation world, the name of the Father and the name of the Son would be the same name, 'Jesus'.[6] Therefore, I believe that the name written on the foreheads of the 144000 firstfruits, is 'Jesus'.
      The meaning of the name 'Yahweh' is 'The Existing One' or 'The One who exists', and is derived from 'I AM WHO I AM = hawyaw asher hawyaw = I will be what I will be'. The meaning of the name 'Jesus' is 'Yahweh is salvation', that is, 'The Existing One is salvation', or 'The One who exists is salvation'. Therefore, the most accurate meaning of the name 'Jesus', is probably 'I will be what I will be is salvation'.[7]
प्रकाशित वाक्य 2:17 जिसके कान हों, वह सुन ले कि पवित्र आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है; जो जय पाए, उसको मैं गुप्त मन्ना में से दूँगा, और उसे एक श्वेत पत्थर भी दूँगा; और उस पत्थर पर एक नाम लिखा हुआ होगा, जिसे उसके पानेवाले के सिवाय और कोई न जानेगा। (प्रका. 2:7)
      Someone might think that the new name saints received is written on the foreheads of the 144000 firstfruits, but it is probably not because the new name saints received is written on a stone, and no one knows the name except our LORD and the one who receives it. Of course, this stone might mean something other than an actual 'stone'.[8]
Name sealed on foreheads
प्रकाशित वाक्य 7:2 फिर मैंने एक और स्वर्गदूत को जीविते परमेश्‍वर की मुहर लिए हुए पूरब से ऊपर की ओर आते देखा; उसने उन चारों स्वर्गदूतों से जिन्हें पृथ्वी और समुद्र की हानि करने का अधिकार दिया गया था, ऊँचे शब्द से पुकारकर कहा,
प्रकाशित वाक्य 7:3 “जब तक हम अपने परमेश्‍वर के दासों के माथे पर मुहर न लगा दें, तब तक पृथ्वी और समुद्र और पेड़ों को हानि न पहुँचाना।” (यहे. 9:4)
प्रकाशित वाक्य 7:4 और जिन पर मुहर दी गई, मैंने उनकी गिनती सुनी, कि इस्राएल की सन्तानों के सब गोत्रों में से एक लाख चौवालीस हजार पर मुहर दी गई:
      It is said that 144000 are sealed on their foreheads, but the name of the Lamb and His Father is written on the foreheads of the 144000 who stand with the Lamb on Mount Zion. Therefore, to be sealed would mean to have the name of the Father and His Son written on the forehead. It might not actually be written, but God will see His name on the foreheads of the 144000 firstfruits.
प्रकाशित वाक्य 22:3 फिर श्राप न होगा, और परमेश्‍वर और मेम्‍ने का सिंहासन उस नगर में होगा, और उसके दास उसकी सेवा करेंगे। (जक. 14:11)
प्रकाशित वाक्य 22:4 वे उसका मुँह देखेंगे*, और उसका नाम उनके माथों पर लिखा हुआ होगा।
      On the foreheads of the royal priests who serve the Son in new Jerusalem, the Son's name, that is, above every name, is written.
प्रकाशित वाक्य 3:12 जो जय पाए, उसे मैं अपने परमेश्‍वर के मन्दिर में एक खम्भा बनाऊँगा; और वह फिर कभी बाहर न निकलेगा; और मैं अपने परमेश्‍वर का नाम, और अपने परमेश्‍वर के नगर अर्थात् नये यरूशलेम का नाम, जो मेरे परमेश्‍वर के पास से स्वर्ग पर से उतरनेवाला है और अपना नया नाम उस पर लिखूँगा। (प्रका. 21:2, यशा. 65:15, यहे. 48:35)
      The Son writes the name of His Father and the name of new Jerusalem and His own new name on the overcomers who have become pillars of the temple.


[1] यूहन्ना 5:43 मैं अपने पिता परमेश्‍वर के नाम से आया हूँ, और तुम मुझे ग्रहण नहीं करते; यदि कोई और अपने ही नाम से आए, तो उसे ग्रहण कर लोगे।

[2] लूका 20:13 तब दाख की बारी के स्वामी ने कहा, ‘मैं क्या करूँ? मैं अपने प्रिय पुत्र को भेजूँगा, क्या जाने वे उसका आदर करें।जब किसानों ने उसे देखा तो आपस में विचार करने लगे, ‘यह तो वारिस है; आओ, हम उसे मार डालें, कि विरासत हमारी हो जाए।

[3] इब्रानियों 12:2 और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करनेवाले* यीशु की ओर ताकते रहें; जिस ने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्जा की कुछ चिन्ता न करके, क्रूस का दुःख सहा; और सिंहासन पर परमेश्‍वर के दाहिने जा बैठा। (1 पत. 2:23-24, तीतु. 2:13-14)

[4] 1पतरस 3:22 वह स्वर्ग पर जाकर परमेश्‍वर के दाहिनी ओर है; और स्वर्गदूतों, अधिकारियों और सामर्थियों को उसके अधीन किए गए हैं। (इफि. 1:20-21, भज. 110:1)

[5] फिलिप्पियों 2:9 इस कारण परमेश्‍वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है, कि जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे है; वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें*,

[6] मत्ती 28:18 यीशु ने उनके पास आकर कहा, “स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार* मुझे दिया गया है। इसलिए तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ; और उन्हें पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो,

  प्रेरितों के काम 2:38 पतरस ने उनसे कहा, मन फिराओ, और तुम में से हर एक अपने-अपने पापों की क्षमा के लिये यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले; तो तुम पवित्र आत्मा का दान पाओगे।

[7] निर्गमन 3:14 परमेश्‍वर ने मूसा से कहा, “मैं जो हूँ सो हूँ*।फिर उसने कहा, “तू इस्राएलियों से यह कहना, जिसका नाम मैं हूँ है उसी ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है।” (प्रका. 1:4,8, प्रका. 4:8, प्रका. 11:17)

[8] यशायाह 56:4 “क्योंकि जो खोजे मेरे विश्राम दिन को मानते और जिस बात से मैं प्रसन्‍न रहता हूँ उसी को अपनाते और मेरी वाचा का पालन करते हैं,” उनके विषय यहोवा यह कहता है, “मैं अपने भवन और अपनी शहरपनाह के भीतर उनको ऐसा नाम दूँगा जो पुत्र-पुत्रियों से कहीं उत्तम होगा; मैं उनका नाम सदा बनाए रखूँगा और वह कभी न मिटाया जाएगा।

  यशायाह 62:2 तब जाति-जाति के लोग तेरा धर्म और सब राजा तेरी महिमा देखेंगे, और तेरा एक नया नाम रखा जाएगा* जो यहोवा के मुख से निकलेगा। (प्रका. 2:17, प्रका. 3:12)

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