분류 전체보기635 32 1000-year kingdom 1. 1000-year kingdom ① The Son will establish the new heaven and the new earth, the paradise. उत्पत्ति 2:2 और परमेश्वर ने अपना काम जिसे वह करता था सातवें दिन समाप्त किया, और उसने अपने किए हुए सारे काम से सातवें दिन विश्राम किया।* (इब्रा. 4:4) † As of 2022, 6000 years have passed since God created Adam. During the 7th millenium, the Son will establish His kingdom of righteousness. With God, one .. 2024. 1. 27. 31 Coming again 1. Coming again ① The 7th trumpet will be sounded. प्रकाशित वाक्य 11:14 दूसरी विपत्ति बीत चुकी; तब, तीसरी विपत्ति शीघ्र आनेवाली है। प्रकाशित वाक्य 11:15 जब सातवें स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, तो स्वर्ग में इस विषय के बड़े-बड़े शब्द होने लगे: “जगत का राज्य हमारे प्रभु का और उसके मसीह का हो गया और वह युगानुयुग राज्य करेगा।” (दानि. 7:27, जक. 14:9) † The 7th trumpet is the last trumpet.[1] When the las.. 2024. 1. 27. 30 Harvest 1. Harvest प्रकाशित वाक्य 14:14 मैंने दृष्टि की, और देखो, एक उजला बादल है, और उस बादल पर मनुष्य के पुत्र सदृश्य कोई बैठा है, जिसके सिर पर सोने का मुकुट और हाथ में उत्तम हँसुआ है। (दानि. 10:16) प्रकाशित वाक्य 14:15 फिर एक और स्वर्गदूत ने मन्दिर में से निकलकर, उससे जो बादल पर बैठा था, बड़े शब्द से पुकारकर कहा, “अपना हँसुआ लगाकर लवनी कर, क्योंकि लवने का समय आ पहुँचा है, इसलिए कि पृथ्वी की खेती* पक .. 2024. 1. 27. 29 Coming of God the Holy Spirit 1. Coming of God the Holy Spirit Ω The commandments of love and the perfection of free will God determined to bring creatures into love and then He began to create.[1] God gave the creatures free will.[2] Therefore, creatures can choose to sin.[3] Love is choosing to submit to God in a situation where we can choose to sin.[4] Only God who is love, can keep the commandments in His own strength.[5.. 2024. 1. 27. 28 Ascension 1. Ascension The resurrected LORD Jesus ascended into the true temple[1] and inherited the name, that is, the ownership, which God placed on the true throne of the true most holy place.[2] भजन संहिता 110:1 मेरे प्रभु से यहोवा की वाणी यह है, “तू मेरे दाहिने ओर बैठ, जब तक कि मैं तेरे शत्रुओं को तेरे चरणों की चौकी न कर दूँ।” (इब्रा. 10:12-13, लूका 20:42-43) † (I think of it with the thought of a cr.. 2024. 1. 27. 27 Resurrection 1. Resurrection ① The Father raised His Son again. प्रेरितों के काम 5:30 हमारे पूर्वजों के परमेश्वर ने यीशु को जिलाया, जिसे तुम ने क्रूस पर लटकाकर मार डाला था। (व्य. 21:22-23) प्रेरितों के काम 5:31 उसी को परमेश्वर ने प्रभु और उद्धारकर्ता ठहराकर, अपने दाहिने हाथ से सर्वोच्च किया, कि वह इस्राएलियों को मन फिराव और पापों की क्षमा प्रदान करे। (लूका 24:47) † The Father raised His Son to be the King.. 2024. 1. 27. 26 The cross, the completion of creation 1. The cross, the completion of creation When God created the creation world, He intended creatures to embrace each other with love, after that He created the creation world.[1] If God created the creatures as those who have no choice but to obey God's laws without free will, then God and the creatures cannot be bound by love. Then, if God only grants free will to the creatures, will they automa.. 2024. 1. 27. 25 Baptism 1. Baptism ① Circumcision कुलुस्सियों 2:11 उसी में तुम्हारा ऐसा खतना हुआ है, जो हाथ से नहीं होता*, परन्तु मसीह का खतना हुआ, जिससे पापमय शारीरिक देह उतार दी जाती है। कुलुस्सियों 2:12 और उसी के साथ बपतिस्मा में गाड़े गए, और उसी में परमेश्वर की शक्ति पर विश्वास करके, जिस ने उसको मरे हुओं में से जिलाया, उसके साथ जी भी उठे। कुलुस्सियों 2:13 और उसने तुम्हें भी, जो अपने अपराधों, और अपने शरीर की खतनारह.. 2024. 1. 27. 24 Way of the Son, history 1. The way of the Son लूका 13:31 उसी घड़ी कितने फरीसियों ने आकर उससे कहा, “यहाँ से निकलकर चला जा; क्योंकि हेरोदेस तुझे मार डालना चाहता है।” लूका 13:32 उसने उनसे कहा, “जाकर उस लोमड़ी से कह दो, कि देख मैं आज और कल दुष्टात्माओं को निकालता और बीमारों को चंगा करता हूँ और तीसरे दिन अपना कार्य पूरा करूँगा। † The Son's being forsaken on the cross seems to have been expressed by the Son as becoming perfe.. 2024. 1. 27. 이전 1 ··· 17 18 19 20 21 22 23 ··· 71 다음